ME
Thursday, January 20, 2011
Sunday, January 9, 2011
पिता पर एक सुंदर कविता
A GREAT POEM ON FATHER
उन पर अभिमान करो
पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है
श्रष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है
पिता अंगुली पकड़े बच्चे का सहारा है,
पिता कभी कुछ खट्टा कभी खारा है
पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है,
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है,
पिता अप्रदर्शित अनंत प्यार है
पिता है तो बच्चो को इंतजार है
पिता से ही बच्चो के ढेर सारे सपने है
पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने है
पिता से परिवार में प्रतिपल राग है
पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है
पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है ,
पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्तिथि की भक्ति है ,
पिता अपनी इच्छाओ का हनन और परिवार की पूर्ति है
पिता रक्त में दिए हुए संस्कारो की मूर्ति है ,
पिता एक जीवन को जीवन दान है ,
पिता दुनिया दीखाने का एहसान है
पिता सुरक्षा है अगर सर पर हाथ है,
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है
तो पिता का अपमान नहीं उन पर अभिमान करो,
पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो,
क्योकि पिता की कमी कोई बाट नहीं सकता,
और इश्वर भी इनके,अशिशो को काट नहीं सकता
विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्राए व्यर्थ है,
यदि बेटे के होते माँ-बाप असमर्थ है
वो खुशनसीब है पिता जिनके साथ होते है,
क्योकि माँ-बाप के अशिशो के हजारो हाथ होते है
उन पर अभिमान करो
पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है
श्रष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है
पिता अंगुली पकड़े बच्चे का सहारा है,
पिता कभी कुछ खट्टा कभी खारा है
पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है,
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है,
पिता अप्रदर्शित अनंत प्यार है
पिता है तो बच्चो को इंतजार है
पिता से ही बच्चो के ढेर सारे सपने है
पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने है
पिता से परिवार में प्रतिपल राग है
पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है
पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है ,
पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्तिथि की भक्ति है ,
पिता अपनी इच्छाओ का हनन और परिवार की पूर्ति है
पिता रक्त में दिए हुए संस्कारो की मूर्ति है ,
पिता एक जीवन को जीवन दान है ,
पिता दुनिया दीखाने का एहसान है
पिता सुरक्षा है अगर सर पर हाथ है,
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है
तो पिता का अपमान नहीं उन पर अभिमान करो,
पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो,
क्योकि पिता की कमी कोई बाट नहीं सकता,
और इश्वर भी इनके,अशिशो को काट नहीं सकता
विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्राए व्यर्थ है,
यदि बेटे के होते माँ-बाप असमर्थ है
वो खुशनसीब है पिता जिनके साथ होते है,
क्योकि माँ-बाप के अशिशो के हजारो हाथ होते है
Saturday, January 8, 2011
Tuesday, January 4, 2011
कह देना कोई ख़ास नहीं
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
कुछ मेरे बारे में
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
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