A GREAT POEM ON FATHER
उन पर अभिमान करो
पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है
श्रष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है
पिता अंगुली पकड़े बच्चे का सहारा है,
पिता कभी कुछ खट्टा कभी खारा है
पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है,
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है,
पिता अप्रदर्शित अनंत प्यार है
पिता है तो बच्चो को इंतजार है
पिता से ही बच्चो के ढेर सारे सपने है
पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने है
पिता से परिवार में प्रतिपल राग है
पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है
पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है ,
पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्तिथि की भक्ति है ,
पिता अपनी इच्छाओ का हनन और परिवार की पूर्ति है
पिता रक्त में दिए हुए संस्कारो की मूर्ति है ,
पिता एक जीवन को जीवन दान है ,
पिता दुनिया दीखाने का एहसान है
पिता सुरक्षा है अगर सर पर हाथ है,
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है
तो पिता का अपमान नहीं उन पर अभिमान करो,
पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो,
क्योकि पिता की कमी कोई बाट नहीं सकता,
और इश्वर भी इनके,अशिशो को काट नहीं सकता
विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्राए व्यर्थ है,
यदि बेटे के होते माँ-बाप असमर्थ है
वो खुशनसीब है पिता जिनके साथ होते है,
क्योकि माँ-बाप के अशिशो के हजारो हाथ होते है
बहुत सुंदर और मर्मस्पर्शी कविता है ,शर्मा जी .
ReplyDeleteबहुत ही बढिया..मन प्रसन्न हो गया इस कविता को पढकर...वाकई मे ये बहुत सुन्दर कविता है पिता पर..
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